Tuesday, January 17, 2012

तरखान ततैया - कीटनाशी ततैया!



तरखान ततैया ! जी हाँ, सुरंग बना कर बाथू और खड़बाथू के तने में अपना जापा काढने वाली इस ततैया को जिला जींद के निडानी, निडाना, ईगराह, ललित खेडा व् बराह कलां के किसान तरखान-ततैया व् खातिन आदि नामों से जानते हैं। अंग्रेज और हमारे कीट-वैज्ञानिक इस कीड़े को किस नाम से पुकारते हैं, हमें नही मालूम। नाम की तो छोड़ो, हमें तो इस कीड़े के खानदान और खरने तक के बारे में भी जानकारी नही। पर काम गजब का करती है यह ततैया। हमारी फसलों में कीट प्रबंधन का काम अर वो भी बिना कीटनाशकों के इस्तेमाल के। इसका यह काम तो हमने निडानी के कृष्ण की कपास की फसल में अपनी आँखों से देखा है।  रंग-रूप व् झामा से सिर के कारण यह काली सी ततैया इंजनहारियों वाले खानदान के मुकाबले भीरड़ों के ज्यादा नजदीक प्रतीत होती है। पतली कमर वाली सुन्दर-सलौनी ये ततैये देखने में तो शरीफ व् नाजुक सी लगती हैं, लेकिन काम में बेजोड़ मेहनती व् चुस्त होती हैं। इनका सिर व् माथा शरीर की तुलना में काफी बड़ा होता है तथा इनके जबड़े और भी मजबूत। तभी तो बथवे की डाली में सुरंग का निर्माण कर पाती हैं। दिन-रात मेहनत करके ही बथवे के तने में सुराख़ कर पाती और फिर इसके अंदर की लुगदी को इधर-उधर ठिकाने लगाकर अपने बच्चों के लिए दर्जनों प्रकोष्ठों का निर्माण करती है। इनमें फसलों से छोटे-छोटे कीट उठाकर लाती है। उन्हें जहरीले प्रोटीनों की सहायता से लुंज करती है। और 10-12 की संख्या में हर प्रकोष्ट में रख देती है। फिर सभी प्रकोष्ठों एक-एक कर के अंडे देती है। इसके नवजात इन भंडारित कीड़ों को खा-पीकर ही बड़े होते हैं और इन प्रकोष्ठों में ही पुपेश्न करते है। प्युपेसन के बाद यह कीट प्रौढ़ के रूप में विकसित होकर स्वंतंत्र जीवन जीने के लिए एक-एक करके बथुवे के तने से बहार निकलते हैं. नर के साथ  मधुर मिलन के बाद सारा काम मादा ततैया ही करती है। नर ततैया तो बथुवे की डाली या आस-पास बैठ कर इस सुरंग की पर नजर रखता है ताकि मादा की इस बेजोड़ मेहनत पर कोई अन्य ततैया पानी न फेर जाये. महिला सशक्तिकर्ण की इस नायब प्रतीक ततैया को शायद इसीलिए खातिन के नाम से पुकारना जायज मानते हैं निडाना-निडानी के किसान।



6 comments:

  1. Dr. well written in common and simple language, informative, just praiseworthy and commendable. keep it up.

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    1. thanx!, dr bagoriya for sparing time for reading and appreciation.

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    2. Dr Dalal ye sari jankari sankalit kar ek booklet ki form mein agar Kisano ko Uplabdh karai jae to bahut labh hoga

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    3. Chhillar sahib, yh sari jankari kisanon ne hi jutaaee hae. sb kisanon tk pahuchane vaste booklet uplabhad karwane ki bat sahi hae apki. pr manlo muldhan sua se to jeb me byaz aane se rha.

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  2. Bhot upyogi jankari sir ..is khatin ka scientific name bata de sir

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