मिलीबग व् चेपे की कुशल शिकारी के रूप में जिला जींद की धरती पर नौ किस्म की बुगडी पायी गयी है. कोक्सीनेलिड्स कुल की इन बुगड़ीयों
के प्रौढ़ भी मांसाहारी अर् इनके बच्चे(GRUB ) भी मांसाहारी. गजब की किसान मित्र है ये लेडी बीटल.। यूरोपियन लोग इन्हें लेडिबीटल या लेडीबग के नाम से पुकारते हैं । इनके पंखों की चमक चूड़ियों जैसी होने के कारण स्थानीय लोगों में कुछ इन्हें मनयारी कहते हैं जबकि अन्य इनके पंखों का रंग जोगिया होने के कारण इन्हें जोगन के नाम से पुकारते हैं. कवि महोदय इन कीटों को सोन-पंखी भंवरे के रूप में अलंकृत करते है. निडाना गावं की महिला किसानों ने भी अपनी यादगारी सुविधा एवं पहचान सुगमता के लिए इन नौ लेडी बीटलों के नाम लपरो(प्रौढ़, डिम्बक),सपरो(प्रौढ़), चपरो(प्रौढ़), रेपरो(प्रौढ़), हाफ्लो(गर्ब}, ब्रह्मों(प्रौढ़), नेफड़ो(प्रौढ़), सिम्मड़ो(गर्ब) और क्रिप्टो(गर्ब). इन सभी लेडी बीटलों के बालिग व शिशु जन्मजात मांसाहारी कीट होते हैं । इनके भोजन में कीटों के अंडे ,तरुण सुंडियां ,अल या चेपा ,मिलीबग ,चुरडाः ,तेला ,सफ़ेद मक्खी,फुदका आदि अनेक हानिकारक कीट शामिल होते हैं । जिन्हें ये बड़े चाव से खाते हैं । हमारे खेतों में इनकी उपस्तिथि ,कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में कटोती करवा सकती है । कीटनाशक चाहे रासायनिक हो या फिर बी.टी.के रूप में जैविक. हम इन लेडी बीटलों को उम्दा किस्म के प्राकृतिक कीटनाशी भी कह सकते हैं क्योंकि ये कीटों को खा कार उनका सफाया करते हैं. यानी कि हमारी फसलों का कीड़ों से बचाव मुफ्त में ही करते हैं जबकि कीटनाशकों पर इसी काम के लिए हमें पैसा खर्च करना पडता है। अतः हम इनकी सही पहचान ,हिफाजत व वंशवृद्धि कर जहाँ खेती के खर्च को घटा सकते हैं वहीं कीटनाशकों के दुष्प्रभावों से मानव स्वस्थ की रक्षा कर बहुत बड़ी समाज सेवा भी कर सकते हैं।
निडाना की महिला किसानों ने इस गावं की फसलों में पाई गयी इन नौ किस्म की लेडी बीटलों की न केवल अच्छी तरह से पहचान ही की है बल्कि इन्होनें तो लेडी बीटलों के संक्षिप्त इतिहास व् क्रियाक्लापों पर एक गीत भी लिख डाला. इस गीत को वे विभिन्न अवसरों पर गाती भी हैं.
राजपुरा गावं के भू.पु.सरपंच श्री बलवान सिंह लोहान के नेतृत्त्व में महेंद्र, प्रकाश, नरेश, भीरा आदि किसानों ने काले के खेत में बी.टी.कपास की फसल पर आये एक नये कीड़े मिलीबग को चबाते हुए एक लपरो को मौके पर पकड़ा था व् इसकी वीडियो तैयार की थी. कीड़ों का कीड़ों द्वारा प्राकृतिक नियंत्रण के इस दृश्य को देखकर सभी किसान हैरान थे.
राजपुरा गावं के भू.पु.सरपंच श्री बलवान सिंह लोहान के नेतृत्त्व में महेंद्र, प्रकाश, नरेश, भीरा आदि किसानों ने काले के खेत में बी.टी.कपास की फसल पर आये एक नये कीड़े मिलीबग को चबाते हुए एक लपरो को मौके पर पकड़ा था व् इसकी वीडियो तैयार की थी. कीड़ों का कीड़ों द्वारा प्राकृतिक नियंत्रण के इस दृश्य को देखकर सभी किसान हैरान थे.
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