Monday, May 11, 2009

सुन्दरो: एक प्राकृतिक कीटनाशी

उड़ते हुए देखने पर कभी तितली जैसा तो कभी भिरड़ जैसा नजर आता है यह कीट। बैठने पर लोपा मक्खी जैसा दिखाई देने लगता
है। पेट पर निंगाह पड़ते ही ततैये जैसा दिखाई नजर आने लगता है। ऐसे में लालित खेड़ा की कविता ने इस कीट को सुन्दरो कह दिया तो क्या जुर्म कर दिया। अब यहाँ के किसान इस कीड़े को सुन्दरो के नाम से ही जानते हैं। लेकिन अंग्रेज लोग तो इसे owlfly के नाम से जानते हैं। जबकि इसका ना तो उल्लू से कोई वास्ता ओर ना ही मक्खियों से कोई रिश्ता।  जारजटिया वंश से तालुक रखने वाले Ascalaphidae  परिवार का यह कीटभक्षी खेतों में फसलों के ऊपर उड़ता दिखाई देता है। दे भी क्यों नही! चम्बो को उड़ते हुए ही शिकार जो करना पड़ता है। शिकार अपने हाण के या अपने से छोटे कीट का ही आसानी से किया जा सकता हैं। इनके भोजन में भान्त-भान्त की पौधाहारी सुंडियों के प्रौढ़ पतंगे एवं तितलियाँ, भान्त-भान्त के भूंड एवं भँवरे, भुनगे -फुदके आदि कीट शामिल होते हैं। जो फंस गया उसी से पेट भर लिया। मतलब भोजन के मामले में सुन्दरो नकचढ़ी बिलकुल नही होती। चलताऊ नजर से देखने पर तो चम्बो के ये प्रौढ़ आराम करते हुए बने-बनाये लोपा मक्खी जैसे ही दिखाई देते हैं। पर जरा गौर से निंगाहते ही इसके ढूंढ़रूदार लम्बे-लम्बे एंटीने नजर आने लगते हैं। जो लोपा मक्खियों से मेल नहीं खाते। पर आराम करते हुए इनका बैठने का ढंग लोपा मक्खियों से मेल खाता है।  शिकारियों से बचने के लिए ही बैठने के मामले में चंबो खाड़कू लोपा मक्खियों की नकल करती हैं।

                        यह कीट अपने अंडे पौधों की डालियों पर या फिर जमीन पर ड्लियों के निचे रखते हैं। मौसम की अनुकूलता अनुसार अंडों से 5-6 दिन में लारवे निकलते हैं जो अन्य छोटे-छोटे कीटों को खा पीकर ही पलते-बढते हैं। इस कीट के ये लारवे घात लगाकर शिकार करते हैं। अपना पेट भरने के लिए इस कीट के लारवे व् प्रौढ़ों का दूसरे कीटों पर निर्भर रहना ही इन्हें प्राकृतिक कीटनाशी के रूप में अपना वजूद कायम करने के लिए काफी है। मगर इस आपाधापी व् बिसराण के बाजारू युग में किसे फुरसत है विषमुक्त खेती के लिए इनके इस लाजवाब कार्य को परखने व् मान्यता देने की।

1 comment:

  1. आज काफी दिनों के बाद निडाना हाइट्स पर आया। बहुत अच्छा लगा। सबसे अच्छा लगा प्रभार खेत पाठशाला का पेज। किसानों और मजदूरों के जीवन पर्यन्त संघर्ष करने वाले इस वीर किसान को शत-शत नमन

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