Saturday, February 21, 2009

कपास का भस्मासुर -मिलीबग

बी टी बीजों के प्रचलन के साथ ही कपास की फसल में एक नए कीड़े के प्रकोप की शुरुआत हुई है । इस कीट का नाम मिलीबग है । लोग इसे मिलीभगत,फुही व भस्मासुर आदि नामों से भी पुकारते हैं । देश के साथ साथ अपने हरियाणा में भी अभी से इस कीट को कपास की फसल के लिए एक बडे खतरे के रूप में देखा जाने लगा है । लेकिन यह कीट अपनी तीन कमजोरियों; " मादा का पंखविहीन होना, कीट का बहुभक्षी होना व थैली में अंडे देना । " के कारण अपने शत्रुओं का आसानी से शिकार बनता है। जिला जींद की कपास परिस्थितिक्तंत्र में इस कीट के शत्रुओं के रूप में एक परजीवी, तीन परजीव्याभ, तीस परभक्षी व तीन रोगाणु पाए गए हैं। राजपुरा,रूपगढ व निडाना के किसानों ने स्वयं अपनी आँखों से मिलीबग के इन शत्रुओं को कपास के पौधों व गैरफसली पौधों पर देखा है। इसका मतलब है अपने यहाँ एक मजबुत प्राकृतिक संतुलन का होना। इन्ही कीटों में से एक दीदड़ बुगडा मिलीबग का खून चूसते हुए इस विडियो में निडाना के किसानों ने मौके पर कैद किया है।
 

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